Surveying को उपकरण ओर उसके उपयोग के आधार पर काफी प्रकार से विभाजित किया गया है
समान्यतः इस प्रकार का सर्वेक्षण बड़े क्षेत्रो ओर अति परिशुद्धता(High Accuracy) वाले सर्वेक्षण कार्यो के लिये प्रयोग किया जाता है। बड़ा क्षेत्र होने के कारण सभी माप बडी होती है और इन पर पृथ्वी की वक्रता का प्रभाव भी पड़ता है।
इस सर्वेक्षण का उद्देश्य ऐसे बिंदुओ को स्थापित करना है जिन्हें बाद में सामान्य परिशुद्धता के सर्वेक्षण के लिये नियंत्रण बिन्दुओ (Control Point) के रूप में प्रयोग किया जाता है
भू-वक्रता के आधार पर (According to sphericity of the Earth)
जैसा कि हम सब जानते है कि हमारी पृथ्वी का आकार नारंगी के आकार की तरह गोलाकार(spherical) है क्योकि पृथ्वी की ध्रुवीय अक्ष(Polar axis) की लंबाई 12713.8 किमी० तथा विषुवत अक्ष(Equatorial axis) की लंबाई 12756.75 किमी० है।
पृथ्वी के गोल आकार के कारण surveying ओर levelling में कुछ समस्याएँ आती है।
पृथ्वी के गोल आकार के कारण surveying ओर levelling में कुछ समस्याएँ आती है।
इसलिए उपरोक्त आधार पर Surveying को दो भागों में विभाजित किया गया है-
1. समतल सर्वे (Plane Survey)-
पृथ्वी के गोल होने के कारण पृथ्वी की सतह वक्र आकार की है परन्तु जब हम Survey करते समय पृथ्वी की सतह को समतल मान लेते है। तो इसे समतल सर्वे कहते है।
इसे मुख्य रूप से छोटे क्षेत्रो का सर्वे करने के लिए प्रयोग करते है ऐसा करना सही भी है क्योंकि छोटी दूरियों के लिए पृथ्वी की वक्रता का प्रभाव नगण्य होता है क्योकि पृथ्वी का व्यास काफी अधिक है इसीलिए छोटी लंबाइयों ओर कोणों पर भू-वक्रता का प्रभाव न के बराबर ही होता है
उदाहरण के लिये पृथ्वी की सतह पर 10 km लंबे चाप ओर जीवा में केवल 01 cm का अंतर होता है इसलिये पृथ्वी सतह पर नापी गयी सभी लंबाइयाँ ओर कोणों को समतल माना जा सकता है। अर्थात सामान्य सर्वे कार्यो के लिये भूक्षेत्रो को समतल मानकर plane survey का उपयोग करते है।
2. भू-पृष्ठीय सर्वे (Geodetic Survey)
Plane Survey के विपरीत यदि भू-वक्रता के प्रभाव को ध्यान में रखकर अगर सर्वे करते है तो इसे Geodetic survey कहते है।
Geodetic surveying को त्रिकोणमितीय सर्वेक्षण(Trigonometrical Surveying) भी कहते है। इसमे भूमि की सतह पर सभी रेखाये वक्र तथा सभी त्रिभुज गोलीय त्रिभुज माने जाते है
गोलीये त्रिभुज |
समान्यतः इस प्रकार का सर्वेक्षण बड़े क्षेत्रो ओर अति परिशुद्धता(High Accuracy) वाले सर्वेक्षण कार्यो के लिये प्रयोग किया जाता है। बड़ा क्षेत्र होने के कारण सभी माप बडी होती है और इन पर पृथ्वी की वक्रता का प्रभाव भी पड़ता है।
Great Circle chord |
Geodetic survey मुख्य रूप से Topography of the land एवं माप से संबंधित ऑकड़े अधिक परिशुुद्धता से प्राप्त करने के लिये अपनाया जाता है।
इस सर्वेक्षण का उद्देश्य ऐसे बिंदुओ को स्थापित करना है जिन्हें बाद में सामान्य परिशुद्धता के सर्वेक्षण के लिये नियंत्रण बिन्दुओ (Control Point) के रूप में प्रयोग किया जाता है
इसलिए इस प्रकार के सर्वेक्षण के लिए उच्च परिशुद्धता वाले उपकरण व निपुण सर्वेक्षक की जरूरत होती है।
सर्वेक्षण क्षेत्र में आधार पर (According to Place of Work)
1. थल सर्वे (Land Survey)-
इस प्रकार के सर्वेक्षण में बिन्दुओ की Horizontal तथा Vertical स्थिति, Linear तथा Angular मापो द्वारा ज्ञात की जाती है इसे थल सर्वेक्षण कहते है। इस श्रेणी में निम्न सभी सर्वेक्षण आते है-
(a). स्थल आकृति सर्वेक्षण (Topographical Survey)
भूमि पर स्थित विभिन्न प्राकतिक व कृत्रिम बिन्दुओ को नक्शे द्वारा प्रदर्शित करने के लिये जो सर्वेक्षण किया जाता है। उसे Topographical Survey कहते है इस सर्वेक्षण का उद्देश्य किसी प्राकृतिक व कृत्रिम बिंदु जैसे पहाड़, झील, नदी, जंगल, सड़क, रेल लाइन, नहर व आबादी की स्थिति व आकार निर्धारित करना है।
(b). भूकर सर्वेक्षण (Cadastral Survey)
यह सर्वेक्षण भूमि का क्षेत्रफल ज्ञात करने तथा संपत्ति रेखा निर्धारण करने के लिये किया जाता है। नगर पालिका, प्रान्तों व राज्यो की सीमाएँ भी इसी सर्वेक्षण से निर्धारित की जाती है।
(c). नगर सर्वेक्षण (City Survey)
नगर की सीमा के अंदर से गंदा व बरसाती पानी की निकासी करने (Drainage), जल आपूर्ति(Water Supply Line), सीवर लाइन, पाइप लाइन आदि को बिछाने व मार्किंग करने के लिये इस सर्वेक्षण का प्रयोग किया जाता है इसमे शहर की सड़कें, गलियाँ, सीवर लाइन व टेलीफोन लाइन इत्यादि दर्शायी जाती है।
2. समुन्द्री या जल सर्वेक्षण (Hydrographic or Marine Survey)-
Marine Survey |
इस प्रकार का सर्वे समुंद्र या जल में उससे संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिये किया जाता है।इसके अतिरिक्त पानी की गहराई व विस्तार नापने, नो- परिवहन(Navigation) व बन्दरगाहों के निर्माण, किसी स्थान पर पानी की उपलब्धता तथा समुंद्र में ज्वार- भाटा के उतार-चढ़ाव आदि को ज्ञात करने के लिये किया जाता है
Mean Sea Level स्थापित करना भी Marine Survey के अंतर्गत आता है
3. खगोलीय सर्वेक्षण (Astronomical Survey)-
इस सर्वेक्षण के अंतर्गत आकाश में स्थित ग्रह, तारे, उल्का पिंड व अन्य object के प्रेक्षण लिये जाते है तथा उनकी स्थिति ज्ञात की जाती है।उद्देश्य के आधार पर (According to Purposes)
- इंजीनियरिंग सर्वेक्षण (Engineering Survey)
- फौजी सर्वेक्षण (Military Survey)
- पुरातत्व सर्वेक्षण (Archeological Survey)
- खनन सर्वेक्षण (Mine Survey)
- भूगर्भ सर्वेक्षण (Geological Survey)
- जल विज्ञान सर्वेक्षण (Hydrological Survey)
उपकरण के आधार पर (According to Instrument)
- जरीब सर्वेक्षण (Chain Survey)
- दिक-सूचक सर्वेक्षण (Compass Survey)
- पटल सर्वेक्षण (Plane Table Survey)
- थ्योडोलाइट सर्वेक्षण (Theodolite Survey)
- टेकोमीट्रिक सर्वेक्षण (Techeometric Survey)
- फ़ोटो सर्वेक्षण (Photographic Survey)
- त्रिकोणीय सर्वेक्षण (Triangulation Survey)
- तलेक्षण (Levelling)
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