History
Surveying का इतिहास काफी पुराना है पुराने ग्रंथो से हमे भूमि के बटवारे ओर स्वामित्व तथा हस्तांतरण का पता चलता है
लगभग 1400ई पूर्व मिस्रवासियों ने भूमि को नापने के कार्य प्रारंभ किया जो लोग यह कार्य करते थे उन्हें रस्सा खीचक(Rope stretcher) कहा गया क्योंकि भूमि को नापने के लिए इन लोगो ने रस्सा प्रयोग किया था उस समय के पिरामिड इस बात को सिद्ध करते है कि पुराने मिस्रवासी Surveying की कला व वास्तुकला को जानते थे।
Surveying Party |
समस्त निर्माण कार्य जैसे कच्ची व पक्की सड़के, रेलमार्ग, सुरंग, नहर इत्यादि का निर्माण करने के लिए सर्वप्रथम surveying(सर्वेक्षण) की ही आवश्यकता होती है भारत में सर्वप्रथम Surveying संबंधी कार्य Survey of India द्वारा किया गया।
हिमालय से लेकर कन्याकुमारी तथा सिंगापुर से सुवेज तक Surveying कार्य तथा मानक नक्शे इस विभाग द्वारा तैयार किये गये।
Survey of India की स्थापना 1767 में हुई।
परंतु Surveying संबंधी आधुनिक उपकरणों का विकास 18वी व 19वी शताब्दी में हुआ।
Survey of India की स्थापना 1767 में हुई।
परंतु Surveying संबंधी आधुनिक उपकरणों का विकास 18वी व 19वी शताब्दी में हुआ।
सभी इंजीनियरिंग निर्माण कार्य को मूर्ति रूप देने के लिए एक अच्छे सिविल अभियंता को Surveying का भली भांति ज्ञान होना अति आवश्यक है।
Definition
पृथ्वीतल से नीचे, पृथ्वीतल पर, व पृथ्वीतल से ऊपर(आकाश) में स्थित विभिन्न प्राकृतिक व कृत्रिम बिन्दुओ की सापेक्ष स्थिति (Relative position) रेखिक, ऊर्ध्वाधर व कोणीय माप लेकर, उचित पैमाने की मदद से Drawing sheet पर दर्शाने की कला को सर्वेक्षण कहते है।
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Concept
किसी भी क्षेत्र का सर्वेक्षण करते समय जब Horizontal plane(पृथ्वीतल के समांतर) में समस्त मापे लेते है तो उसे Surveying कहते है जबकि Vertical plane(पृथ्वीतल के लंबबत) में माप लेने से हमे सर्वेक्षण क्षेत्र की ऊँचाई या गहराई का पता चलता है तब यह Levelling(तलेक्षण) कहलाता है
Object of survey
- Surveying का मुख्य उद्देश्य सर्वेक्षण क्षेत्र के सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओ को Map में सत्य एवं सही-सही स्थापित करना
- Survey क्षेत्र का नक्शा तैयार करना
- Horizontal ओर Vertical plane में किसी भी बिंदु की Location ज्ञात करना
- भूमि की सीमाये निर्धारित करना
- किसी क्षेत्र का क्षेत्रफल ज्ञात करना
- निर्माण कार्यो के लिए मिट्टी कटाई या भराई का परिमाण निकलना
- विभिन्न निर्माण कार्यो के लिये Site Selection करना जैसे- सड़क, रेल, नहर, पाइप लाइन व सीवर लाइन इत्यादि के लिए
- सभी निर्माण कार्यो के लिए Layout की marking करना
- क्षेत्र से संबंधित आकृतियों के L- section ओर X - section तैयार करना।
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